नोएडा सीट पर कौन दे रहा है भाजपा को टक्कर? इस सवाल से परेशान है जनता
Noida Assembly Seat Up chunav
भारत
चेतना मंच
25 Jan 2022 09:30 PM
Noida Assembly Seat: नोएडा (चेतना मंच)। उत्तर प्रदेश (UP Elections 2022) की हॉट सीटों में गिनी जाने वाली नोएडा विधानसभा सीट (Noida Seat) पर चुनाव में एक बड़ी उलझन खड़ी हो गई है। विपक्षी दलों के प्रत्याशियों के ढुलमुल रवैए व अपने-अपने दायरे में सिमटे रहने के कारण यह उलझन खड़ी हुई है। उलझन यह है कि जनता समझ ही नहीं पा रही है कि इस सीट पर सत्ता पक्ष यानी भाजपा (BJP) को टक्कर कौन दे रहा है।
'क्यों पड़े हो चक्कर में-कोई नहीं है टक्कर में' यह नारा आमतौर पर सुना जाता रहा है। किंतु नोएडा में यह नारा बदल गया है। यहां मतदाता पूछ रहे हैं कि 'नोएडा वासी हैं चक्कर में-कौन है टक्कर में'। दरअसल नोएडा विधानसभा की सीट (Noida Assembly Seat) पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के पुत्र पंकज सिंह (Pankaj Singh) विधायक के तौर पर काबिज हैं। उन्हीं के कारण इस सीट को हॉट सीट की श्रेणी में गिना जाता है। इस बार के चुनाव में एक बार फिर से श्री सिंह भाजपा के प्रत्याशी हैं। उनके सामने समाजवादी पार्टी व रालोद गठबंधन से सुनील चौधरी, बहुजन समाज पार्टी से कृपाराम शर्मा व कांग्रेस से अनेक विवादों में रह चुकी श्रीमती पंखुड़ी पाठक यादव प्रत्याशी हैं। इन तीनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी पहले तो अपने-अपने दलों में टिकटार्थियो के तौर पर जुझते रहे। चुनाव की घोषणा के बाद जब से प्रत्याशी बने है तब से अपने-अपने दलों के दूसरे टिकट के दावेदारों की बगावत से जूझ रहे हैं। इनका बचा-खुचा समय अपने-अपने समाज को जोड़ने में लग रहा है।
प्रत्याशियों की अलग-अलग बात करें तो बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कृपाराम शर्मा यह मानकर चल रहे हैं कि उनके करीब 40 हजार वोट तो सुरक्षित ही हैं। अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए वे ब्राह्मण वोटों पर डोरे डाल रहे हैं। चुनावी अस्त्र शस्त्रों का प्रयोग करने का अनुभव न होने के कारण उन्हें अपेक्षित सफलता मिलती प्रतीत नहीं हो रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि यदि श्री शर्मा अभी भी चुनावी रणनीति को धारदार बनाएं तो वे मुख्य मुकाबले में खड़े हो सकते हैं।
अब बात करें समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के प्रत्याशी सुनील चौधरी की। तो उनका भी हाल कमोवेश यही है। तीसरी बार नोएडा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे सुनील चौधरी को वर्ष-2012 में 42071 वोट तथा वर्ष-2017 में 58401 वोट मिले थे। वर्ष-2017 में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी थे। वर्ष-2014 के मध्यावधि चुनाव में सपा प्रत्याशी काजल शर्मा को 41481 वोट मिले थे। यानी पिछले तीनों चुनाव (Noida Assembly Seat) में सपा का वोट बैंक तकरीबन 58 हजार से ऊपर नहीं जा पाया। इस बार रालोद का गठबंधन तो है किंतु प्रत्याशी की चुनावी रणनीति में वह धार नहीं नजऱ आ रही है जिसके बलबूते पर मतदाताओं के बीच यह सीधा संदेश जाए कि सपा प्रत्याशी भाजपा को सीधी टक्कर दे रहे हैं जिससे सत्ता विरोधी मतदाता उनके साथ जुड़ सके।
कांग्रेस ने इस बार महिला प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक यादव को मैंदान में उतारा है। श्रीमती पाठक का विवादों से पुराना नाता रहा है। इन विवादों की बात छोड़ भी दें तो भी पंखुड़ी पाठक को जहां अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है। वहीं उन्हें ब्राहमण होने का भी कोई विशेष लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है।
UP Assembly Election 2022 Second Phase के लिए आजाद समाज पार्टी प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी
मूलत: उत्तराखंड (Uttarakhand) की रहने वाली पंखुड़ी पाठक से जहां उत्तराखंड के वोटर यह कहकर वोट देने से कन्नी काट रहे हैं कि वे ब्राह्मण थीं। लेकिन शादी करने के बाद अब यादव हो गईं हैं। ऐसे में उत्तराखंड खासकर वहां के ब्राह्मण का वोट भी उनके हाथ से खिसकता प्रतीत हो रहा है। सर्वविदित है कि नोएडा में यादवों का अधिकांश वोट समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है। चूंकि प्रदेश में भाजपा बनाम सपा की इस जंग में यादव बिरादरी कांग्रेस के बजाय सपा को वोट देने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहा है। वैसे भी पिछले 10 वर्षों में हुए तीन चुनावों पर नजर डालें तो कांग्रेस हमेशा यहां चौथे स्थान पर रही है। इस चौथे स्थान से हटकर कुछ ऊपर खिसक जाने की जद्दो-जहद के जरिए अपने नेतृत्व को संदेश देने की रणनीति पर यदि कांग्रेस की प्रत्याशी चुनाव लड़ रही है तो फिर कुछ नहीं कहा जा सकता।
कांग्रेस के यहां के इतिहास पर नजऱ डालें तो वर्ष-2012 में कांग्रेस प्रत्याशी डा. वी.एस.चौहान 25482 (12.15 प्रतिशत) वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे थे। वर्ष-2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र अवाना भी मात्र 17212 (10.45 प्रतिशत) वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे थे। वर्ष-2017 के चुनाव में हालांकि कांग्रेस ने सपा से गठबंधन किया था। गठबंधन के प्रत्याशी को 58401 वोट मिले थे इसमें सपा का पारंपरिक वोट 41-42 हजार भी शामिल था। उस बार भी कांग्रेस की स्थिति काफी दयनीय ही थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, दावेदार प्रत्याशी, पूर्व महानगर अध्यक्ष, पीसीसी व एआईसीसी सदस्य भी चुनाव में शामिल न होकर बगावती मूड में नजर आ रहे हैं। ऐसे में पारंपरिक चौथे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष शाहबुददीन, पूर्व महानगर अध्यक्ष मुकेश यादव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष मो. गुडडू, एआईसीसी सदस्य दिनेश अवाना, युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम नागर, व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अभिषेक जैन, पीसीसी सदस्य सतेन्द्र शर्मा, एसटी/एससी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रोहित बेनीवाल, व्यापार प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष जीतेन्द्र अम्बावत, अशोक शर्मा, विक्रम चौधरी, एससी/एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव राजकुमार भारती, किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौतम अवाना, कामगार संगठन के अध्यक्ष जावेद खान व सभी ब्लॉक अध्यक्ष, प्रमोद शर्मा समेत कई नेता चुनाव प्रचार में शामिल न होकर अघोषित बगावत करने के मूड में हैं। ऐसे में कांग्रेस की स्थिति खुद-ब-खुद समझी जा सकती है।
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चेतना मंच
25 Jan 2022 09:30 PM
Noida Assembly Seat: नोएडा (चेतना मंच)। उत्तर प्रदेश (UP Elections 2022) की हॉट सीटों में गिनी जाने वाली नोएडा विधानसभा सीट (Noida Seat) पर चुनाव में एक बड़ी उलझन खड़ी हो गई है। विपक्षी दलों के प्रत्याशियों के ढुलमुल रवैए व अपने-अपने दायरे में सिमटे रहने के कारण यह उलझन खड़ी हुई है। उलझन यह है कि जनता समझ ही नहीं पा रही है कि इस सीट पर सत्ता पक्ष यानी भाजपा (BJP) को टक्कर कौन दे रहा है।
'क्यों पड़े हो चक्कर में-कोई नहीं है टक्कर में' यह नारा आमतौर पर सुना जाता रहा है। किंतु नोएडा में यह नारा बदल गया है। यहां मतदाता पूछ रहे हैं कि 'नोएडा वासी हैं चक्कर में-कौन है टक्कर में'। दरअसल नोएडा विधानसभा की सीट (Noida Assembly Seat) पर केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के पुत्र पंकज सिंह (Pankaj Singh) विधायक के तौर पर काबिज हैं। उन्हीं के कारण इस सीट को हॉट सीट की श्रेणी में गिना जाता है। इस बार के चुनाव में एक बार फिर से श्री सिंह भाजपा के प्रत्याशी हैं। उनके सामने समाजवादी पार्टी व रालोद गठबंधन से सुनील चौधरी, बहुजन समाज पार्टी से कृपाराम शर्मा व कांग्रेस से अनेक विवादों में रह चुकी श्रीमती पंखुड़ी पाठक यादव प्रत्याशी हैं। इन तीनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशी पहले तो अपने-अपने दलों में टिकटार्थियो के तौर पर जुझते रहे। चुनाव की घोषणा के बाद जब से प्रत्याशी बने है तब से अपने-अपने दलों के दूसरे टिकट के दावेदारों की बगावत से जूझ रहे हैं। इनका बचा-खुचा समय अपने-अपने समाज को जोड़ने में लग रहा है।
प्रत्याशियों की अलग-अलग बात करें तो बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी कृपाराम शर्मा यह मानकर चल रहे हैं कि उनके करीब 40 हजार वोट तो सुरक्षित ही हैं। अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिए वे ब्राह्मण वोटों पर डोरे डाल रहे हैं। चुनावी अस्त्र शस्त्रों का प्रयोग करने का अनुभव न होने के कारण उन्हें अपेक्षित सफलता मिलती प्रतीत नहीं हो रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि यदि श्री शर्मा अभी भी चुनावी रणनीति को धारदार बनाएं तो वे मुख्य मुकाबले में खड़े हो सकते हैं।
अब बात करें समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के प्रत्याशी सुनील चौधरी की। तो उनका भी हाल कमोवेश यही है। तीसरी बार नोएडा विधानसभा से चुनाव लड़ रहे सुनील चौधरी को वर्ष-2012 में 42071 वोट तथा वर्ष-2017 में 58401 वोट मिले थे। वर्ष-2017 में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी थे। वर्ष-2014 के मध्यावधि चुनाव में सपा प्रत्याशी काजल शर्मा को 41481 वोट मिले थे। यानी पिछले तीनों चुनाव (Noida Assembly Seat) में सपा का वोट बैंक तकरीबन 58 हजार से ऊपर नहीं जा पाया। इस बार रालोद का गठबंधन तो है किंतु प्रत्याशी की चुनावी रणनीति में वह धार नहीं नजऱ आ रही है जिसके बलबूते पर मतदाताओं के बीच यह सीधा संदेश जाए कि सपा प्रत्याशी भाजपा को सीधी टक्कर दे रहे हैं जिससे सत्ता विरोधी मतदाता उनके साथ जुड़ सके।
कांग्रेस ने इस बार महिला प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक यादव को मैंदान में उतारा है। श्रीमती पाठक का विवादों से पुराना नाता रहा है। इन विवादों की बात छोड़ भी दें तो भी पंखुड़ी पाठक को जहां अपनी ही पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ रहा है। वहीं उन्हें ब्राहमण होने का भी कोई विशेष लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है।
UP Assembly Election 2022 Second Phase के लिए आजाद समाज पार्टी प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी
मूलत: उत्तराखंड (Uttarakhand) की रहने वाली पंखुड़ी पाठक से जहां उत्तराखंड के वोटर यह कहकर वोट देने से कन्नी काट रहे हैं कि वे ब्राह्मण थीं। लेकिन शादी करने के बाद अब यादव हो गईं हैं। ऐसे में उत्तराखंड खासकर वहां के ब्राह्मण का वोट भी उनके हाथ से खिसकता प्रतीत हो रहा है। सर्वविदित है कि नोएडा में यादवों का अधिकांश वोट समाजवादी पार्टी का कोर वोटर माना जाता है। चूंकि प्रदेश में भाजपा बनाम सपा की इस जंग में यादव बिरादरी कांग्रेस के बजाय सपा को वोट देने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहा है। वैसे भी पिछले 10 वर्षों में हुए तीन चुनावों पर नजर डालें तो कांग्रेस हमेशा यहां चौथे स्थान पर रही है। इस चौथे स्थान से हटकर कुछ ऊपर खिसक जाने की जद्दो-जहद के जरिए अपने नेतृत्व को संदेश देने की रणनीति पर यदि कांग्रेस की प्रत्याशी चुनाव लड़ रही है तो फिर कुछ नहीं कहा जा सकता।
कांग्रेस के यहां के इतिहास पर नजऱ डालें तो वर्ष-2012 में कांग्रेस प्रत्याशी डा. वी.एस.चौहान 25482 (12.15 प्रतिशत) वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे थे। वर्ष-2014 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राजेन्द्र अवाना भी मात्र 17212 (10.45 प्रतिशत) वोट लाकर चौथे स्थान पर रहे थे। वर्ष-2017 के चुनाव में हालांकि कांग्रेस ने सपा से गठबंधन किया था। गठबंधन के प्रत्याशी को 58401 वोट मिले थे इसमें सपा का पारंपरिक वोट 41-42 हजार भी शामिल था। उस बार भी कांग्रेस की स्थिति काफी दयनीय ही थी।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के अध्यक्ष, दावेदार प्रत्याशी, पूर्व महानगर अध्यक्ष, पीसीसी व एआईसीसी सदस्य भी चुनाव में शामिल न होकर बगावती मूड में नजर आ रहे हैं। ऐसे में पारंपरिक चौथे स्थान पर रहने वाली कांग्रेस अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के पूर्व महानगर अध्यक्ष शाहबुददीन, पूर्व महानगर अध्यक्ष मुकेश यादव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के महानगर अध्यक्ष मो. गुडडू, एआईसीसी सदस्य दिनेश अवाना, युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पुरुषोत्तम नागर, व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अभिषेक जैन, पीसीसी सदस्य सतेन्द्र शर्मा, एसटी/एससी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रोहित बेनीवाल, व्यापार प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष जीतेन्द्र अम्बावत, अशोक शर्मा, विक्रम चौधरी, एससी/एसटी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव राजकुमार भारती, किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौतम अवाना, कामगार संगठन के अध्यक्ष जावेद खान व सभी ब्लॉक अध्यक्ष, प्रमोद शर्मा समेत कई नेता चुनाव प्रचार में शामिल न होकर अघोषित बगावत करने के मूड में हैं। ऐसे में कांग्रेस की स्थिति खुद-ब-खुद समझी जा सकती है।
UP Election 2022:नोएडा के सियासी दंगल में 13 पहलवान ही लड़ेंगे चुनाव
भारत
चेतना मंच
25 Jan 2022 07:23 PM
Noida नोएडा। नोएडा विधानसभा क्षेत्र (Noida Assembly Constituency) के सियासी दंगल में अब 13 पहलवान ही लड़ेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोएडा से 10 प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर दिये थे। इसी तरह दादरी विधानसभा क्षेत्र में दो तथा जेवर विधानसभा क्षेत्र में एक प्रत्याशी का नामांकन निरस्त कर दिया गया। जनपद की तीनों विधानसभाओं से 52 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन किया गया था, जिसमें विधानसभा नोएडा के 23, विधानसभा दादरी के 16 तथा विधानसभा जेवर के 13 उम्मीदवार सम्मिलित थे। नाम निर्देशनों की जांच प्रक्रिया में कुल 13 उम्मीदवारों का नामांकन प्रपत्र निरस्त किया गया, जिसमें विधानसभा नोएडा से सर्व समाज पार्टी के संजीव कुमार गोस्वामी, शिवसेना के राजकुमार अग्रवाल, भारतीय महासंघ पार्टी के घनश्याम, पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी के दीपमाला श्रीवास्तव, भारतीय इंसान पार्टी के किशोर सिंह, अल हिंद पार्टी के डिबलू सिंह चौधरी, भारतीय जन जागृति पार्टी के कुश कुमार श्रीवास्तव व निर्दलीय संजय शर्मा, सुनील कुमार, अर्पणा शर्मा कि नामांकन प्रपत्र में कमी पाए जाने के कारण नामांकन प्रपत्र निरस्त किए गए।
दादरी विधानसभा (Dadri Assembly) से जन अधिकार पार्टी से वीरेंद्र सिंह प्रजापति के नामांकन प्रपत्र में नोटरी ना होने के कारण एवं राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी से यूनुस का नामांकन प्रपत्र सही ना भरा होने के कारण निरस्त किया गया। इसी प्रकार विधानसभा जेवर से भारतीय जन जागृति पार्टी से मनोज राज का नामांकन प्रपत्र में हस्ताक्षर एवं प्रस्तावकों के हस्ताक्षर न होने के कारण नामांकन प्रपत्र निरस्त किया गया।
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भारत
चेतना मंच
25 Jan 2022 07:23 PM
Noida नोएडा। नोएडा विधानसभा क्षेत्र (Noida Assembly Constituency) के सियासी दंगल में अब 13 पहलवान ही लड़ेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने नोएडा से 10 प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त कर दिये थे। इसी तरह दादरी विधानसभा क्षेत्र में दो तथा जेवर विधानसभा क्षेत्र में एक प्रत्याशी का नामांकन निरस्त कर दिया गया। जनपद की तीनों विधानसभाओं से 52 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन किया गया था, जिसमें विधानसभा नोएडा के 23, विधानसभा दादरी के 16 तथा विधानसभा जेवर के 13 उम्मीदवार सम्मिलित थे। नाम निर्देशनों की जांच प्रक्रिया में कुल 13 उम्मीदवारों का नामांकन प्रपत्र निरस्त किया गया, जिसमें विधानसभा नोएडा से सर्व समाज पार्टी के संजीव कुमार गोस्वामी, शिवसेना के राजकुमार अग्रवाल, भारतीय महासंघ पार्टी के घनश्याम, पब्लिक पॉलीटिकल पार्टी के दीपमाला श्रीवास्तव, भारतीय इंसान पार्टी के किशोर सिंह, अल हिंद पार्टी के डिबलू सिंह चौधरी, भारतीय जन जागृति पार्टी के कुश कुमार श्रीवास्तव व निर्दलीय संजय शर्मा, सुनील कुमार, अर्पणा शर्मा कि नामांकन प्रपत्र में कमी पाए जाने के कारण नामांकन प्रपत्र निरस्त किए गए।
दादरी विधानसभा (Dadri Assembly) से जन अधिकार पार्टी से वीरेंद्र सिंह प्रजापति के नामांकन प्रपत्र में नोटरी ना होने के कारण एवं राष्ट्रीय आम जन सेवा पार्टी से यूनुस का नामांकन प्रपत्र सही ना भरा होने के कारण निरस्त किया गया। इसी प्रकार विधानसभा जेवर से भारतीय जन जागृति पार्टी से मनोज राज का नामांकन प्रपत्र में हस्ताक्षर एवं प्रस्तावकों के हस्ताक्षर न होने के कारण नामांकन प्रपत्र निरस्त किया गया।
UP Election 2022:जेवर में बसपा ही एकमात्र विकल्प: नरेन्द्र भाटी
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 07:34 AM
Jewar : जेवर। जेवर विधानसभा क्षेत्र (Jewar Assembly Constituency) से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र भाटी एडवोकेट (डाढ़ा) ने कहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में बसपा ही एकमात्र विकल्प है। यहां की जनता ने तय कर लिया है कि इस बार सर्व समाज की समस्याओं का समाधान करने वाले प्रत्याशी को ही विजयी बनाएंगे।क्षेत्र में धुआंधार जनसंपर्क अभियान चला रहे श्री भाटी ने प्रचार के बीच में से थोड़ा सा समय निकाल कर चेतना मंच के साथ एक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल जेवर क्षेत्र की जनता भाजपा के विधायक से बेहद त्रस्त रही है। किसी भी गरीब, किसान, मजदूर, दलित, नौजवान अथवा अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति की कोई समस्या नहीं सुनी गई। किसी भी समस्या का समाधान कराने का प्रयास विधायक ने नहीं किया केवल हवा हवाई घोषणाएं हुई। फर्जी वायदे हुए इन सब समस्याओं को देखते हुए जेवर क्षेत्र की जनता ने यहां बदलाव का मन बना लिया है। जनता को यह भी पता है कि जेवर में बहुजन समाज पार्टी ही बदलाव का एकमात्र विकल्प है। यही कारण है कि क्षेत्र में हर वर्ग, जाति धर्म समाज एकजुट होकर बसपा के पक्ष में गोलबंद हो रहा है।
नरेंद्र भाटी ने आशा व्यक्त की कि इस चुनाव में जेवर विधानसभा क्षेत्र से बसपा की ऐतिहासिक जीत होगी । चुनाव जीतने के बाद आम जनता की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान कराया जाएगा। अभी तक बेरोजगारी कि जो समस्या रही है उसे दूर कराया जाएगा। महिलाओं को सम्मान दिया जाएगा स्वास्थ्य की व्यापक व्यवस्था कराई जाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक काम करने की योजना उनके पास है । आज श्री भाटी ने क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों का दौरा करके वोट मांगे। बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया तथा चुनाव जीतने के बाद समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान बहुजन समाज पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता उनके साथ रहे। उधर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष व नरेंद्र भाटी एडवोकेट के बड़े भाई वीरेंद्र सिंह डाढा ने भी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जाकर घर-घर वोट मांगे।
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 07:34 AM
Jewar : जेवर। जेवर विधानसभा क्षेत्र (Jewar Assembly Constituency) से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी नरेंद्र भाटी एडवोकेट (डाढ़ा) ने कहा है कि इस विधानसभा क्षेत्र में बसपा ही एकमात्र विकल्प है। यहां की जनता ने तय कर लिया है कि इस बार सर्व समाज की समस्याओं का समाधान करने वाले प्रत्याशी को ही विजयी बनाएंगे।क्षेत्र में धुआंधार जनसंपर्क अभियान चला रहे श्री भाटी ने प्रचार के बीच में से थोड़ा सा समय निकाल कर चेतना मंच के साथ एक बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले 5 साल जेवर क्षेत्र की जनता भाजपा के विधायक से बेहद त्रस्त रही है। किसी भी गरीब, किसान, मजदूर, दलित, नौजवान अथवा अल्पसंख्यक वर्ग के व्यक्ति की कोई समस्या नहीं सुनी गई। किसी भी समस्या का समाधान कराने का प्रयास विधायक ने नहीं किया केवल हवा हवाई घोषणाएं हुई। फर्जी वायदे हुए इन सब समस्याओं को देखते हुए जेवर क्षेत्र की जनता ने यहां बदलाव का मन बना लिया है। जनता को यह भी पता है कि जेवर में बहुजन समाज पार्टी ही बदलाव का एकमात्र विकल्प है। यही कारण है कि क्षेत्र में हर वर्ग, जाति धर्म समाज एकजुट होकर बसपा के पक्ष में गोलबंद हो रहा है।
नरेंद्र भाटी ने आशा व्यक्त की कि इस चुनाव में जेवर विधानसभा क्षेत्र से बसपा की ऐतिहासिक जीत होगी । चुनाव जीतने के बाद आम जनता की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर समाधान कराया जाएगा। अभी तक बेरोजगारी कि जो समस्या रही है उसे दूर कराया जाएगा। महिलाओं को सम्मान दिया जाएगा स्वास्थ्य की व्यापक व्यवस्था कराई जाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में भी अनेक काम करने की योजना उनके पास है । आज श्री भाटी ने क्षेत्र के लगभग एक दर्जन गांवों का दौरा करके वोट मांगे। बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया तथा चुनाव जीतने के बाद समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। इस दौरान बहुजन समाज पार्टी के अनेक वरिष्ठ नेता उनके साथ रहे। उधर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष व नरेंद्र भाटी एडवोकेट के बड़े भाई वीरेंद्र सिंह डाढा ने भी क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जाकर घर-घर वोट मांगे।